मानसिक बीमारीयों का ईलाज

  • कुछ मानसिक रोगों का ईलाज दीर्घ कालीन होता है एवं बीमारी के लक्षण दब जाने बाद भी दवाओं को खाना पड सकता है । ऐसा न करने पर बीमारी पुनः उभर सकती है ।
  • दवा स्वयं की मर्जी से बंद करने, कम करने या नागा करने पर भी बीमारी पुनः उभर सकती है।
  • यदि दवा के दुश्प्रभाव नजर आऐं तो चिकित्सक से मिलकर चर्चा करें ।
  • किसी भी प्रकार के नशे से दूर रहें।
  • सिगरेट, गुटखा, शराब, गांजा, भांग, स्मैक, अफीम, डोढा आदि का नशा शरीर व दिमाग दोनो पर प्रभाव डालता है एवं बीमारी के ईलाज पर भी प्रतिकूल प्रभाव पडता है ।
  • भूत-प्रेत, उपरी असर इत्यादि कभी भी दिमागी बीमारियों का कारण नही होते हैं । उपरी प्रभाव के चक्कर में पड कर मूल्यवान समय नष्ट किया जाता है।
  • मानसिक बीमारियां दिमाग के अन्दर कैमिकल्स की मात्रा में अंतर आने से भी होती है जिनको दवाईओं द्वारा ठीक कर दिया जाता है।

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